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सोल्डरिंग और ब्रेजिंग(Soldering and Brazing)

 सोल्डरिंग(Soldering):- दो सामान अथवा भिन्न प्रकार के धातुओं को किसी गलने वाले पदार्थ से जोड़ने की क्रिया को सोल्डरिंग कहते है। यह वेल्डिंग से अलग है क्युकि इसमें जुड़ने वाले पदार्थ को गलाया नही जाता है बल्कि वे अपने मूल रूप में ही रहते है। वेल्डिंग प्रक्रिया में दोने जुड़ने वाले पदार्थो को भी गलाया जाता है

सोल्डर(Solder):- सोल्डरिंग प्रक्रिया में सोल्डर का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। जिस पदार्थ को गलाकर दोनों धातुओं को जोड़ा जाता है उसे सोल्डर कहते है। यह शुद्ध रूप से अथवा मिश्र धातु का बना होता है। प्रायः जो सोल्डर दैनिक जीवन में हम उपयोग करते है वो टिन तथा लैड को 63:37 के अनुपात में मिलाकर बनाया जाता है

फ्लक्स(Flux):- किसी भी धातु(कार्य-खंड) को यदि वातावरण में खुला छोड़ दे तो वो ऑक्सीजन से क्रिया कर लेता है और उसके ऊपर ऑक्साइड की परत जम जाती है जिससे सोल्डर धातु कार्य-खंड से सही से चिपकती नही है। इसी ऑक्साइड को हटाने के लिए एक रासायनिक यौगिक की आवश्यकता होती है जिसे गालक (Flux) कहते है। यह फ्लक्स सोल्डरिंग के बाद जोड़ पर एक पतला आवरण बना लेती है जो बाद में भी आक्सीकरण होने से बचाती है

सोल्डर के प्रकार(Types of Solder):-

 1.  मुलायम सोल्डर

2.  कठोर सोल्डर

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