Admission open for session 2025-27
>

अपरम्परागत ऊर्जा श्रोत(Non-Conventional Energy Sources):-

 संसार के सभी ऊर्जा संसाधनों को दो वर्गों में बांटा गया है-

1. परम्परागत(Conventional) ऊर्जा संसाधन- ऊर्जा के वे साधन जो लगातार उपयोग करने से कम होते जा रहे है तथा एक न एक दिन ख़त्म हो जायेंगे उन्हें पारम्परिक ऊर्जा के संसाधन कहा जाता है जैसे- लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ,परमाणविक ऊर्जा आदि

2. अपरम्परागत(Non-Conventional) ऊर्जा संसाधन- ऊर्जा के वे साधन जो लगातार उपयोग करने के बाद भी लाखों वर्षों तक ख़तम नहीं होंगे उन्हें गैर-पारम्परिक ऊर्जा के संसाधन कहा जाता है जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो-गैस ऊर्जा, ज्वारीय तरंग ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, आदि

नोट- इस अध्याय में हमें अपरम्परागत(गैर-पारंपरिक) ऊर्जा के बारे में पढ़ना है

1.  सौर ऊर्जा(Solar Energy) श्रोत- सूर्य ऊर्जा का असीमित साधन है जो कि लाखों वर्षों तक खत्म नहीं होने वाली है। सूर्य के वजन का लगभग 90% भाग हाइड्रोजन(H2) व हीलियम(He) से बना होता है इन गैसों के अणुओं का वेग इतना अधिक होता है कि वे आपस में टकराते रहते है और गैसों के नाभिकों का संलयन होता रहता है जिससे बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती रहती है तथा सूर्य से हमें प्रकाश के रूप में निरन्तर ऊर्जा मिलती रहती है। किन्तु इसको और अधिक उपयोगी बनाने के लिए सोलर पैनल की खोज एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज है जिसकी सहायता से हम सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को विद्युत् शक्ति में बदलते है

सोलर नियतांक- पृथ्वी की सतह से टकराने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा को नियत माना जाता है जिसे सोलर नियतांक कहते है

“पृथ्वी व सूर्य के मध्य औसत दूरी होने की स्थिति में प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली काली सतह पर प्रति सेकण्ड लम्बवत रूप से आपतित होने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा को सोलर नियतांक कहते है”

 

सोलर नियतांक = आपतित सौर ऊर्जा/(क्षेत्रफल × समय)

सोलर नियतांक का मात्रक = जूल/(मी2 × से)

लाभ-

1- सौर ऊर्जा का भण्डार सीमित नहीं है

2- प्रदूषण नहीं फैलता है

हानियाँ-

1- जब बादल होते है तो सौर ऊर्जा पृथ्वी तक प्रयाप्त मात्रा में नहीं पहुचती

2- सौर ऊर्जा के यन्त्र महँगे होते है

2.  बायोगैस ऊर्जा(Biogas Energy) श्रोत-

3.  पवन ऊर्जा(Wind Energy) श्रोत-

4.  ज्वारीय तरंग  ऊर्जा(Tidal Wave Energy) श्रोत-



0 comments:

Post a Comment